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चारा-गर पूछे हैं: "क्या-क्या दिखता है?"

चारा-गर* पूछे हैं: "क्या-क्या दिखता है?" मैं कहता: "बस यार का चेहरा दिखता है।" Charagar puchhe haiN: "kya kya dikhta hai?" MaiN kahta: "bas yaar ka chehra dikhta hai" इक अरसे तक पंछी रहा है पिंजरे में,  सो, पंछी को हर-सू** पिंजरा दिखता है। Ik arse tak panchhi rha hai piNjre meiN So, panchhi ko har-su piNjra dikhta hai

अहो भाग्य

अहो! भाग्य जो आप पधारे। छँटे तिमिर मन के अब सारे। मन में कैसा शोर मचा रे। यह तेरा ही नाम पुकारे। तूने कैसा ज्ञान दिया रे। मन तेरे ही शरण हुआ रे। अहो! भाग्य जो आप पधारे। छँटे तिमिर मन के अब सारे।

पाकर मधुमय तेरा प्यार

उपवन महके, चिड़ियाँ चहके, आने लगी बहार। पाकर मधुमय तेरा प्यार। मैं माली हूँ प्रेम नगर का तुम मालिन हो प्यारी। प्रेम खिलें हैं हमदोनों के, देखो क्यारी - क्यारी। कोयल कुहके, राही बहके, बहने लगी बयार। पाकर  मधुमय तेरा प्यार।