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चारा-गर पूछे हैं: "क्या-क्या दिखता है?"

चारा-गर* पूछे हैं: "क्या-क्या दिखता है?" मैं कहता: "बस यार का चेहरा दिखता है।" Charagar puchhe haiN: "kya kya dikhta hai?" MaiN kahta: "bas yaar ka chehra dikhta hai" इक अरसे तक पंछी रहा है पिंजरे में,  सो, पंछी को हर-सू** पिंजरा दिखता है। Ik arse tak panchhi rha hai piNjre meiN So, panchhi ko har-su piNjra dikhta hai

मुहब्बत करो जी, मुहब्बत मिलेगी

फ़क़त क्या इबादत से जन्नत मिलेगी। मुहब्बत करो जी, मुहब्बत मिलेगी। अरे! ओ मुसाफ़िर डगर कौन तेरा करो बंद आँखें सदाक़त मिलेगी।