उपवन महके, चिड़ियाँ चहके, आने लगी बहार।
पाकर मधुमय तेरा प्यार।
मैं माली हूँ प्रेम नगर का
तुम मालिन हो प्यारी।
प्रेम खिलें हैं हमदोनों के,
देखो क्यारी - क्यारी।
कोयल कुहके, राही बहके, बहने लगी बयार।
पाकर मधुमय तेरा प्यार।
मैं सुर हूँ संगीत महल का
तुम रागिनी न्यारी।
हम दोनों की धड़कन बजती
साँसों की फुलवारी।
पपीहा पिहके, मनवाँ लहके, बजने लगा सितार।
पाकर मधुमय तेरा प्यार।
मैं चन्दा हूँ नील गगन का
तुम चाँदनी ग्वारी।
हम दोनों के नवयौवन से
दुनिया को है यारी।
छतिया टहके, अँग - अँग दहके, खोने लगा करार।
पाकर मधुमय तेरा प्यार।
पाकर मधुमय तेरा प्यार।
मैं माली हूँ प्रेम नगर का
तुम मालिन हो प्यारी।
प्रेम खिलें हैं हमदोनों के,
देखो क्यारी - क्यारी।
कोयल कुहके, राही बहके, बहने लगी बयार।
पाकर मधुमय तेरा प्यार।
मैं सुर हूँ संगीत महल का
तुम रागिनी न्यारी।
हम दोनों की धड़कन बजती
साँसों की फुलवारी।
पपीहा पिहके, मनवाँ लहके, बजने लगा सितार।
पाकर मधुमय तेरा प्यार।
मैं चन्दा हूँ नील गगन का
तुम चाँदनी ग्वारी।
हम दोनों के नवयौवन से
दुनिया को है यारी।
छतिया टहके, अँग - अँग दहके, खोने लगा करार।
पाकर मधुमय तेरा प्यार।
- मिहिर
#mithileshmihir
वाह,इतना मनोहर गीत मज़ा आ गया।अनुपम
ReplyDeleteअनंत आत्मीय आभार मित्रवर
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